परिचय-
Introduction:
सुन्दर स्वस्थ तथा मेधावी संतान
प्राप्त करने के लिए माता-पिता का शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक तथा आध्यात्मिक
स्वास्थ्य ठीक होना आवश्यक है।
Mental,physical and spiritual health of parents is necessary if they want beautiful
and intellectual offspring.
किसी भी नारी के जीवन का
महत्वपूर्ण समय गर्भावस्था का समय होता है। इसलिए गर्भावस्था के समय में नारी को
अपना ध्यान ठीक प्रकार से रखना चाहिए तभी वह और उसका होने वाला नवजात शिशु स्वस्थ
हो सकता है तथा नारी को शिशु जन्म देने के समय में ज्यादा कष्टों से बचा जा सकता
है।
Pregnancy is the most important
period of life for a woman. Therefore, a pregnant woman should be more careful
during this period if she wants a healthy baby. In this way, both mother and
her child will be healthy. A woman will not face too much trouble at the time
of delivery if she remains careful during her pregnancy.
गर्भधारण करने से पहले स्त्री
को अच्छे भोजन का सेवन कराना चाहिए तथा अच्छी मानसिकता और भावना रखते हुए ही
गर्भधारण की क्रिया करनी चाहिए।
Before conceiving, the woman should take
nutritive meal. The woman should be pregnant with good feelings and mentality.
गर्भधारण के समय में यदि पुरुष
का दायां सांस और स्त्री का बायां सांस चलता रहे तो निश्चय ही पुत्र पैदा होता है।
पुत्र हो या पुत्री यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संतान
स्वस्थ और गुणवान होनी चाहिए। आज के समय में पुत्र तथा पुत्री में कोई फर्क नहीं
रह गया है क्योंकि आज कई ऐसे कार्य के क्षेत्र हैं जिसमें पुत्री के बिना वह कार्य
हो नहीं सकता है।
If at the time of conceiving, the man breaths
through right nostril and the woman breaths through left nostril, the offspring
will be son definitely. Son and daughter is not an important matter. Most
important thing is that offspring should be healthy and intellectual. There is
no difference between son and daughter nowadays because there are several works
at this time, which cannot be done without daughter.
माता अपने शिशु को जैसे
आचार-विचार वाला बनाना चाहती है उसे पूरे गर्भकाल में और प्रसव के बाद स्तनपान
कराने वाले काल में वैसे ही आचार विचार का पालन करना चाहिए ताकि बच्चे में वैसे ही
संस्कार और सारे गुण पैदा हो सकें।
If
a woman wants good attitude and thinking in her child, she should assume same
attitude and thinking during full pregnancy and sucking period so that the
child may get sacraments and qualities as she wants.
गर्भावस्था के समय कुछ आवश्यक
बातें :-
Some
essential thing during pregnancy:
- गर्भवती स्त्री को ढीले, सूती, झिरझिरे कपड़े पहनने
चाहिए।
- गर्भवती स्त्री को सदा चिंतामुक्त, तनावरहित तथा खुश रहना चाहिए।
- गर्भवती स्त्री को मिट्टी, धूप, वायु तथा पानी का व्यवहार नियमित रूप से करना चाहिए।
- गर्भवती स्त्री को किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती स्त्री को सभी प्रकार की गंदी आदतों को छोड़ देना चाहिए।
- The pregnant
woman should wear loose cotton clothes.
- She should
remain very happy and far from anxiety and depression.
- She should
remain the contact of soil, sunlight, air and water.
- She should not
adopt any kind of intoxication.
- She should
give up all the bad habits.
- गर्भवती स्त्री को प्रतिदिन शारीरिक रूप से व्यायाम करना चाहिए तथा सुबह
के समय में खुली हवा में टहलना चाहिए और नाड़ी शोधन प्राणायाम करना चाहिए।
इसके अलावा वह कुछ हल्के व्यायाम भी कर सकती है। खुली हवा में गहरी सांस लेनी
चाहिए।
- She should do physical
exercise regularly and she should walk in open air in the morning. She
should do naval purification pranayam. Besides, she can do some light
exercises. She should take deep breath in open air.
- गर्भवती स्त्री को चाहिए कि वह किसी की न तो निंदा करे और न किसी की निंदा
सुने।
- She should neither
condemn any one and nor hear other’s condemnation.
- गर्भवती स्त्री को मन में भय नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह बहुत अधिक
खतरनाक होता है।
- There should be no fear
in the mind of pregnant woman because it is very harmful.
- मल, मूत्र, भूख, प्यास तथा नींद की क्रिया
को ठीक प्रकार से करना चाहिए तथा जब भी सोना हो गहरी नींद में सोना चाहिए।
- She
should complete all such activities properly as excretion of urine and
stool. She should not remain hungry and thirsty. She should sleep soundly
whenever she wants to sleep.
- गर्भवती स्त्री को दिन में अधिक नहीं सोना चाहिए तथा रात के समय में
जागना नहीं चाहिए।
- She
should not sleep for long time in daytime and she should not wake in the
late night.
- गर्भवती स्त्री को रचनात्मक, सकारात्मक तथा सात्विक विचारों को अपनाना चाहिए।
- She
should adopt creativity, positive attitude and holy and pure ideas.
- द्वेष, ईर्ष्या तथा बदले
की भावना को दूर करना चाहिए।
- She
should remain far from jealousy, envy and revenge.
- गर्भवती स्त्री को अपने शरीर की सफाई ठीक प्रकार से करनी चाहिए।
- She should
cleanse her body properly.
- गर्भवती स्त्री को संयम रखना चाहिए।
- She should adopt
patience.
- गर्भवती स्त्री को ऊंची एड़ी की चप्पलें या जूते नहीं पहनने चाहिए क्योंकि
इससे जल्दी ही थकान आती है और गर्भपात भी हो सकता है।
- She should not wear
sandal and shoes with high heel because she becomes tired soon by wearing
such kind of sandal and shoes. In this situation, there may be a fear of
abortion too.
- गर्भवती स्त्रियों को अच्छी पुस्तकों का अध्ययन तथा महापुरुषों के ऊंचे आदर्शों का चिन्तन-मनन करना
चाहिए।
- All the pregnant women
should study good books and she should study autobiography of great
persons along with contemplation.
- गर्भवती स्त्री को जब भी सोना हो करवट से तथा घुटनों को थोड़ा मोड़कर सोना
चाहिए।
- A pregnant woman should
sleep with side and by folding knees.
- गर्भवती स्त्री को अपनी त्वचा तथा पेट पर चिकनाई लगानी चाहिए, इससे प्रसव के बाद त्वचा
पर स्ट्रेच मार्क्स नहीं पड़ते हैं।
- A pregnant woman should
apply lubricant on her skin and stomach because there is no scratch marks
on the stomach after delivery.
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