परिचय-
Introduction-
प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट,
चिकनाई, विटामिन, प्राकृतिक
नमक, फुजला और पानी भोजन के जरूरी अंग होते हैं।
Protein, carbohydrate, oily,
vitamin, natural salt and water are necessary parts of the food.
इसमें हर एक
तत्व उतना ही महत्वपूर्ण होता है जितना कि अन्य दूसरे क्योंकि अच्छे तरीके से अपना
काम चलाने के लिये ये दूसरे पर निर्भर हैं। इसलिए भोजन में इन तत्वों का होना बहुत
ही महत्वपूर्ण होता है।
In these, every element is such
important as other elements because these are depended on each other to do his
work properly. Therefore, these elements should be in the food because it is
necessary.
प्रोटीन-
प्रोटीन शरीर की रचना, विकास में वृद्धि और
हानिकारक प्रभाव से बचाने के लिए जरूरी है।
Protein-
Protein is necessary to bodystructure, increase development and safety from the harmful effect.
प्रोटीन की कमी-
इसकी कमी से हमारे शरीर में बहुत सी परेशानियां
उत्पन्न हो जाती हैं जैसे थकान, कमजोरी, शरीर का विकास रुकना, जिगर की कमजोरी, गर्भ के समय मां और बच्चे के शरीर के तंतुओं का कमजोर होना, मां
के स्तनों में दूध का कम होना, तंतुओं का ठीक तरीके से पोषण न होने पर समय से पहले शरीर
कमजोर हो जाता है।
Lack of protein-
This lacking generates many types of
problems in the body as tiredness, weakness, stopping body development, liver
weakness, weakness of the fiber of the mother and child body while pregnancy, reducing
the milk in the breast, improper nourishment of the fibers etc. problems by
which body becomes weak before time.
प्रोटीन की अधिकता-
Excessive of
protein-
जिस प्रकार कम प्रोटीन प्राप्त होने पर परेशानियां
होती हैं। वैसे ही प्रोटीन की अधिकता से परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं। कम
प्रोटीन की समस्या को तो अधिक प्रोटीन देकर ठीक कर सकते हैं परन्तु अधिक प्रोटीन
की समस्या को दूर करने के लिए पूरे शरीर की जांच करना जरूरी है।
Just as lacking of protein
generates many problems in the same way excessive of the protein also generates
many problems in the body. The problem of less protein can be finished by
giving excessive quantity of protein but to finish the problem of excessive
protein, checking of whole the body is necessary
प्रोटीन के साधन-
Protein equipment-
दूध, फल, दालें, अन्न, बीज, मटर, हरी पत्तियां और सबसे अधिक प्रोटीन सोयाबीन में होती
है।
Milk, fruit, pulse,
grain, seed, pea, green leaves soya-bean contain excessive quantity of
protein.
सामान्य शरीर को मेहनत करने के लिए 50
से 60 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है जैसे 1
किलोग्राम भार पर 1 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए।
The body should need 50-60 grams
protein to do normal work by the body as one-gram protein should taken on one
kilogram weight.
कार्बोहाइड्रेट-
कार्बोहाइड्रेट से हमारे शरीर को शक्ति और गर्मी प्राप्त होती है।
Carbohydrate-
कार्बोहाइड्रेट की कमी-
Lack of
carbohydrate-
Our body gets
strength and warmth by the carbohydrate.
कार्बोहाइड्रेट की कमी से हमारे शरीर में आलस्य, निष्क्रियता एवं उत्साह
में कमी होती है।
Lacking of
carbohydrate generates laziness, looseness and lacking in zeal.
कार्बोहाइड्रेट की अधिकता-
शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होने से मोटापा बढ़ जाता है। यह सांस
नली, आमाशय, आंतों, हृदय और गर्भाशय पर विजातीय द्रव्य (शरीर का दूषित
मल) के रूप में इकट्ठा होकर कई तरह के रोगों को जन्म देते हैं।
Excessive of
carbohydrate-
Excessive quantity
of carbohydrate in the body generates obesity (fatness). It generates many types of disease by
gathering on the trachoma, stomach, intestines, heart and uterus in the form of
polluted stool.
कार्बोहाइड्रेट के दो अंग होते हैं-
There are two kinds
of carbohydrate-
श्वेतसार (स्टार्च), शर्करा।
Shretasara and
sugar
श्वेतसार-
Shretasara-
जिस भोजन में चिपचिपापन हो उसमें श्वेतसार अधिक होता
है। हर श्वेतसार पूर्ण रूप से पचने के बाद शर्करा में बदल जाते हैं और मधुजन बनकर
जिगर और मांसपेशियों में जमा रहता है। इसे वैज्ञानिकों ने तीन भागों में बांटा है-
The food, which contains
greasiness, is called shretasara. This food changes into sugar after digesting
and it gathers in the liver and muscles by becoming sweet. The scientists have divided
it in three parts-
आसानी से पचने वाला-
यह केला, आलू, शकरकन्द, पपीता, नाशपाती, चीकू, संतरा, सेब, अनन्नास एवं अमरूद आदि मीठे फलों से प्राप्त होता है।
Easily digestible-
It is gotten by banana,
potato, turnip, papaya, sesapadula plum, orange, apple, pineapple, guava etc.
sweet fruits.
आसानी से पचने वाला-
यह चावल, जौ, मकई, एवं अन्य कन्द से प्राप्त किया जा सकता है।
Easily digestible-
It can be gotten by
the rice, barley and other tuber.
देरी से पचने वाला-
यह सभी प्रकार के एक दलीय अन्नकण (जैसे गेहूं, ज्वार, बाजरा
आदि) में पाया जाता है। इन अन्नों में चोकर अलग कर देने पर तो ये लगभग सौ प्रतिशत
अम्ल हो जाते हैं।
शर्करा- इसके पांच प्रकार हैं-
1. दुग्ध शर्करा-
Milk sugar-
इसकी जरूरत किसी भी स्तन वाले प्राणी को गर्भ के
समय होती है। यह मानव के दूध में सबसे अधिक होती है।
Any creature of
nipples should need this sugar while pregnancy. It is found in excessive
quantity in the creature milk.
2. द्राक्ष शर्करा-
यह अच्छे प्रकार के अंगूर, शहद और अन्य फलों में पाया जाता है। वैज्ञानिकों ने
इसे पूर्व पचा भोजन कहा है क्योंकि इसे पचाने में पाचन प्रणाली को मेहनत नहीं करनी
पड़ती। इसलिए तुरंत ही शक्ति देने के लिए शहद और किशमिश का पानी दिया जाता है।
Grapes sugar-
It is found in good
quantity of grapes, honey and other fruits. The scientists have told ancient
digestive food because digestive system does not do hard work to digestive it.
Therefore, the water of honey and currants is given to provide just strength.
3. फल शर्करा-
यह लगभग सभी मीठे फलों में होता है। पौधे के रस में यह ग्लूकोज के साथ पाई
जाती है। फल के पकने पर उसका श्वेतसार शर्करा में बदल जाता है। इसलिए हमेशा पके
हुए फलों को खाना चाहिए। कच्चा फल खाने पर क्षार के बदले अम्ल मिलता है। मधुमेह
(डायबिटीज) के रोगी के लिये अन्य शर्करा के मुकाबले फल शर्करा नुकसान रहित होता
है। इसकी पाचन क्रिया छोटी आंत में होती है।
Fruit sugar-
It is found in about all the sweet
fruits. It is also found with the glucose in the plants’ juice. Shretasara of
the fruit turns into sugar by ripping the fruit, so always ripe fruit should be
taken. By taking raw fruit human gets acid instead of alkali. Fruit is sugar is
harmless than the other sugar for the diabetes patient. Its digestive activity
is in the small intestines.
अन्न शर्करा-
यह हमेशा खाये जाने वाले अन्नकण गेहूं,
जौ, चावल, मकई, आदि
श्वेतसारीय खाद्यों में पाए जाते हैं। शर्करा के अलावा इनमें कई लवण, कैल्शियम, लोहा
आदि एवं कई विटामिन भी मिलते हैं। इसकी पाचनक्रिया मुंह में लालरस से शुरू होकर
छोटी आंत में समाप्त होती है।
Other sugar-
It is always found in the grain
particle, wheat, barley, rice etc. shretasariya substances. Besides the sugar,
many salt, calcium, iron etc, many vitamins are also found in it. Its digestive
activity starts from red juice in the mouth and finishes in the small
intestines.
ईक्ष शर्करा-
Eakch sugar-
यह गन्ने से बनी मिल की चीनी है। इसमें केवल गर्मी प्रदान करने की शक्ति है।
यह बहुत ही अम्लकारक है। यह अलग अलग रोगों से भरपूर होती है। इस गन्ने की चीनी को
जितना ही सफेद किया जाता है उतना ही उसमें से कैल्शियम, लोहा एवं अन्य प्राकृतिक नमक और विटामिन आदि उपयोगी तत्व नष्ट होते चले जाते हैं।
It is the sugar of
meel, which is prepared by the sugarcane. It contains such power that provides
only warmth. It is very caused of the acid. It is fulfill with the different
types of diseases. As much this sugar of sugarcane is made white as its
calcium, iron and other nature salt, vitamin etc. useful elements are
destroyed.
चीनी को पचाने एवं उसके नष्ट हुये तत्वों की पूर्ति के लिए पाचन प्रणाली शरीर
से कैल्शियम और लोहा आदि ग्रहण करती है। इसके फलस्वरूप हमारे शरीर में उन तत्वों
की कमी हो जाती है तो इसका प्रभाव पूरी हड्डी पर पड़ता है लेकिन इसके ज्यादा प्रभाव
से दांत खराब हो जाते हैं। ज्यादा चीनी खाने से आक्जेलिक अम्ल बनता है जिसकी शरीर
को जरूरत नहीं है। इसे पचाने के लिए पूरा कैल्शियम नहीं मिलता तो यह शरीर के अन्दर
रहकर हलचल उत्पन्न करता है।‘
Digestive system
gets the calcium and iron to digest the sugar and make complete the destroyed
elements of it consequently these elements are reduced in our body then its
effect affects all the bones but its more effect generates problems in the
teeth. Okjelic acid originates in the body by taking sugar, which is not
necessary for the body. Complete calcium does not get by digesting it then it
generates commotion in the body by staying in the body.
इसके बारे में जानने के बाद हम यह सोचते हैं कि चीनी के बाद क्या प्रयोग करें।
तो इसका सीधा मतलब गन्ना, गुड़, खजूर, किशमिश, केला, अंजीर, एवं आम आदि मीठे फल से होता है।
सामान्य शरीर को मेहनत करने में 200
से 500 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की जरूरत होती है।
After knowing about
it, we think that what use after the sugar then its means use the sugar,
jiggery, dates, currants, banana, fig, mango etc. sweet fruits.
Common body should
need 200-500 grams carbohydrate for the hard work.
चिकनाई-
Greasy-
कार्बोहइड्रेट की तरह चिकनाई भी शरीर में गर्मी प्रदान
करती है। शक्ति के लिए यह सबसे अच्छा भोजन है। ये हड्डियों की शक्ति बढ़ाने और शरीर
को चिकना बनाने में काफी लाभदायक होती है। शर्करा के बिना चिकनाई अच्छी ओषजनित न
होकर केवल सुलगती रहती है। जिससे थकान का अनुभव होता है। चिकनाई पचाने के लिए जिगर, क्लोम
एवं छोटी आंत को सदा स्वस्थ रखने के लिए खुली हवा में गहरी सांस लेनी चाहिए।
Greasy also provides warmth in
the body like carbohydrate. It is best food for the strength. It is very useful
to increase the body strength and make the body smooth. It keeps on burning due
to improper oushjanita without sugar by which human feels tiredness. The breath
should be taken in open to keep the small enlargement, liver and cleome always
healthy for digesting the greasy.
भोजन में चिकनाई को कम करने के लिए आयोडीन का होना
जरूरी है और चुल्लिका ग्रंथि खराब होकर घेघा रोग भी हो जाता है।
Iodine is necessary in the food
to reduce the greasy otherwise scrofula disease takes birth by disturbing in
the chullika gland.
चिकनाई के प्रकार -
चिकनाई के तो कई प्रकार होते हैं पर इन्हें मुख्य दो भागों
में बांटा गया है।
Kinds of greasy-
There are many kinds of greasy but
mainly it has divided in two parts.
वनस्पति जन्य-
यह हर प्रकार के तेल, तिल, सरसों, जैतून, सूर्यमुखी, मूंगफली एवं अलसी आदि और मेवे
(नारियल, बादाम, अखरोट, काजू-पिस्ता,
चिरौंजी एवं चिलगोजा आदि में
पाया जाता है।
Vegetation-
It is found in every type of oil,
sesame, indian mustard, olive, sunflower, groundnut and linseed etc. and all
the dry fruits as coconut, almond, walnut, cashew, pistchew, cudappa almond and
chilgoja.
पशु जन्य-
दूध एवं जन्य खाद्य। इनमें बकरी के दूध में चिकनाई होती है।
Animal-
Milk and janya substances, the goat
milk also contains greasy in it.
Santulith
bhojan santulit bhoojan balance food
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