परिचय-
Introduction-
मनुष्य के भोजन में दूध ही एक ऐसा भोजन माना जाता है
जिसको आहार शास्त्रियों ने पूर्ण भोजन (कम्पलीट फूड) बताया है। दूध के अन्दर
प्रोटीन, कार्बोज, दूध शर्करा, खनिज लवण, वसा और विटामिन आदि मनुष्य के शरीर को पोषण देने वाले
तत्व जरूरत के मुताबिक मौजूद होते हैं जिससे शरीर का निर्माण, सरंक्षण
और पोषण तीनों ही होते हैं। यह एक पौष्टिक भोजन है जोकि एक नवजात शिशु के लिए बहुत
ही लाभकारी है।
The milk is considered such food
in the human food, which has told complete food by the food shastra. The
protein, carboze, milk sugar, minerals, fat, vitamin etc. all the necessary
elements are present in the milk according to need (which provide nutrition to
the human) by which manufacture, patronage and nutrition of the body are done. The
milk is a nutritive food, which is more beneficial and useful for the babies.
दूध के अन्दर 2 तरह के प्रत्यामिन (प्रोटीन) पाए जाते हैं- एक विलेय
प्रत्यामिन (प्रोटीन) जिसको अल्ब्यूमिन भी कहा जाता है और दूसरा अविलेय प्रत्यामिन
(प्रोटीन) जिसका दूसरा नाम दधिन है। ये दोनों बहुत ही अच्छी तरह के प्रत्यामिन
(प्रोटीन) होते हैं। दूध की प्रत्यामिन (प्रोटीन) में स्फुर तत्व पाया जाता है।
यही दूध के प्रत्यामिन (प्रोटीन) की खासियत है। इससे शरीर बहुत ज्यादा मजबूत हो
जाता है।
There are two types of proteins
found in the milk as first is soluble protein that is also called albumin and
second is insoluble protein that is also called dadhina. These both the
vitamins are very good. Sphere element is found in the milk protein. It is the
quality of milk protein. The body becomes very strong by it.
दूध एक ऐसा चिकनाई वाला भोजन है जिससे शरीर को गर्मी
और ताकत मिलती है। दूध के चिकनाई वाले अणु इतने बारीक होते हैं कि ये आसानी से और
बहुत ही जल्दी शरीर की खून का बहाव चलाने वाली नलियों में घुसकर उन्हें पोषण देते
हैं। चिकनाई वाले अणुओं का यह चमत्कारिक गुण दूध को गर्म करने से समाप्त हो जाता
है। जैसे ही दूध को गर्म किया जाता है ये अणु पिघलकर दूध की परत पर चले जाते हैं
और फिर ये सिर्फ स्वाद के अलावा किसी और काम के बिल्कुल नहीं रह जाते। The milk is such greasy food by which the body gets warmth and strength. Greasy
molecules of the milk are such micro that they enter in the blood veins (which
circulate blood) soon and easily and provide nutritive to the veins. This marvellously
quality of the milk molecules is destroyed by boiling milk. When the milk is
boiled, these molecules are stuck on the milk layer by which they are useless
besides only taste. इसी कारण से दूध को गर्म करके नहीं पीना चाहिए।
इसीलिए प्रकृति ने स्त्री के स्तनों में दूध की ऐसी व्यवस्था कर रखी है कि वह दूध
बिना आग पर रखे ही सीधा बच्चे के मुंह से पेट में पहुंचकर बच्चे को पूरा लाभ देता
है। दूध के अन्दर जो शक्कर पाई जाती है उसे लेक्टोज कहते हैं। यह दूध में पाई जाने
वाली शक्कर रंग में तो बिल्कुल मिल में बनी हुई चीनी की तरह होती है लेकिन इसके
अन्दर मीठापन साधारण चीनी से थोड़ा बहुत कम होता है। Due to this reason, milk should not be drunk after boiling. Therefore, there
is such facility of the milk is kept in the woman breast by nature that milk
reaches in the child stomach by the mouth without putting on the fire and it
provides complete benefits. The sugar, which is found in the milk, is called
lactose. This sugar is like sugar of factory in color but it contains some
sweetness than normal sugar. इसी
वजह से अगर किसी व्यक्ति को कुछ दिन तक सिर्फ दूध पर ही रखा जाए तो उसका मन दूध से
ऊबता नहीं है। दूध में सोडियम, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, सल्फर, फास्फोरस, क्लोरीन और आयोडीन आदि कई तरह के लाभकारी खनिज लवण
ज्यादा मात्रा में होते हैं जो शरीर की रक्षा के लिए बहुत ही उपयोगी और जरूरी होते
हैं। owning to this reason if any person depends
only on the milk for some days, he is not felt tedium from milk. The milk
contains sodium, iron, calcium, potassium, magnesium, sulfur, phosphorus,
chlorine, iodine etc. many types of beneficial minerals, which are very useful
for the safety of the body. इन्हीं
से शरीर में मज्जा पैदा होती है, मांसपेशियां बनती हैं, ताकत पैदा होती है, दिमाग
और खून का बहाव करने वाली नलियां बनती हैं और शरीर की हडि्डयां मजबूत होती हैं।
दूध के अन्दर एक ही बार में 5 तरह के विटामिन पाए जाते हैं- विटामिन `ए´, विटामिन
`बी´, विटामिन `सी´, विटामिन `डी´, विटामिन `ई´। इसके अलावा दूध में हार्मोन और एंजाइम आदि तत्व तथा
डायस्टोस और गेलेक्टोस नाम के 2 खमीर भी पाए जाते हैं जिनसे दूध के अन्दर के गुण और
भी बढ़ जाते हैं। the marrow, muscles, strength, mind and
veins (which circulate the blood) are grown in the body by it. The milk is also
useful to make the bones strong. The milk contains five types of elements
within once time as Vitamin A, B, C, D and E. Besides it, milk contains
hormones, enzyme etc. elements and two types of dystos and gelectose named
Khamira, which help to increase the quality of the milk.
आर्युवेद में दूध को चिकना, धातु
को बढ़ाने वाला, ओज को बढ़ाने वाला, चुस्ती-फुर्ती देने वाला, रसायन, दिमाग
को तेज करने वाला और शरीर में ताकत पैदा करने वाला बताया गया है। दूध को नियमित
रूप से सेवन करने से जीवन जीने की शक्ति हमेशा जगी हुई और मजबूत रहती है। दूध के
अन्दर शरीर में बुढ़ापे को जल्दी न आने देने के गुण भी मौजूद होते हैं।
In ayurvedha, the milk has told
greasy and chemical that increases iron, oage, activeness and energy, memory
power. It also generates strength in the body. Drinking milk regularly stays
the vitality power always awaked and strong. Milk also contains that quality,
which helps to stop the senility in the body.
बच्चे के लिए मां का दूध सबसे उच्चकोटि का भोजन है। दांत निकलने और पाचन अंगों
की काम करने की शक्ति के पूरे होने तक बच्चे को दूध पिलाना चाहिए। इसके बाद संतुलित
भोजन से उसकी सारी जरूरतें पूरी हो जाती हैं। फिर उसे दूध की आवश्यकता नहीं पड़ती
है।
Mother milk is very
high profile food for the children. Mother should suckle his child till
dentition and complete capacity of doing work of the digestive system. After
that, all the needs of the child are completed by the balanced diet and he has not
need of the milk.
दूध केवल बच्चों के लिए होता है। जो प्रकृति ने उन्हें जन्म के साथ ही दिया
है। थाइमस ग्रंथि में से निकलने वाला साइमोथीन नामक पदार्थ दूध को सही तरीके से
पचाने में मदद करता है। इसलिए दूध केवल बच्चे का ही भोजन है।
Milk is only for
the children, which has given to the children with the birth by the nature. The
symotheen named substance (which blows from the thymus gland) helps to digests the
milk properly. Therefore, the milk is the food only for the children.
बहुत से लोग रात को खाने के बाद सोने से पहले दूध पीते हैं। इससे भोजन ठीक तरह
से पच नहीं पाता। खाना खाने के बाद दूध कभी नहीं लेना चाहिए। दूध सुबह नाश्ते में
ले सकते हैं।
Many people are
drunk the milk after taking meals and before sleeping by which food is not
digested properly. The milk should not be drunk after meals but it can be taken
in breakfast in the morning.
पाश्चरीकृत (निर्जीवीकृत) दूध-
दूध के विटामिन और एंजाइम कई बार ऊंचे ताप की वजह से खत्म हो जाते हैं और इसके
प्रोटीन, कैल्शियम इतने सख्त हो जाते हैं कि दूध को पचाना मुश्किल
हो जाता है।
Pasteurized milk-
Many times, vitamin
and enzyme of the milk are destroyed due to high temperature and its protein
and calcium become as much hard that milk is digested with difficulty.
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