परिचय-
Introduction:
इस संसार में वही व्यक्ति
स्वस्थ तथा निरोगी रहता है जो अपना जीवन चरित्रमय जीता है। नैतिकता तथा चरित्र मनुष्य
के शरीर के अन्दर एक प्रकार की ऐसी शक्ति का स्रोत है जो उसको परेशानियों में
साहसी तथा निर्भीक बनाता है।
A man remains healthy and far from disease whose
character is very good. Morality and character are such source of strength
which makes a man valor and courageous in troubles.
नैतिकता तथा चरित्र के निर्माण
के लिए कुछ विचार तथा भावना:-
Some
ideas and feeling which help in making character and morality:
- नैतिकता तथा चरित्र का निर्माण मनुष्य में कच्ची उम्र के साथ-साथ होता है
और इसी के द्वारा वह जीवन के कई प्रकार के मूल्यों को जान पाता है।
- Morality and character develop
in man in his childhood. A man gets different kinds of values of life with
the help of character and morality.
- केवल नैतिक शिक्षाओं तथा धार्मिक उपदेशों आदि को सुनने से कुछ नहीं होता
बल्कि उसका ठीक प्रकार से पालन करने से ही मनुष्य की नैतिकता तथा चरित्रता
बनी रहती है। इन सभी भावनाओं के द्वारा ही मनुष्य ठीक प्रकार से जीवन जी सकता
है तथा जीवन के मूल्यों को समझ पाता है।
- Nothing happens by
hearing moral speeches and religious preaches. Morality and character of
person remain good when good things are accepted and followed. A man can pass a very happy life properly and understands all the values of life.
- सभी व्यक्तियों को यह समझ लेना चाहिए कि केवल प्रसिद्ध होने से चरित्रवान
नहीं बना जा सकता बल्कि अपने जीवन में नैतिक शिक्षाओं तथा धार्मिक उपदेशों का
पालन करके ही चरित्रवान बना जा सकता है।
- Everyone should know
this fact that fame is not the symbol or guarantee of a person’s good
character. A man can get good character through moral values and religious
preaches.
- जो व्यक्ति ठीक समय में सही निर्णय लेकर काम करते हैं तथा समय का ठीक से
उपयोग करते हैं वहीं व्यक्ति सफलता को प्राप्त कर पाते हैं। अत: सभी
व्यक्तियों को समय के अनुसार ही
कार्य करने चाहिए। जीवन को ठीक प्रकार से जीने के लिए सत्य का ही सहारा लेना
चाहिए कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
- Men, who take good
decision on right time and uses time properly, get success in life. Hence,
all the people should do their work on proper time. To pass a good life, a
man should take the help of truth and he should never tell a lie.
- मनुष्य का चरित्र उसकी वाणी से होता है क्योंकि जब तक किसी मनुष्य की
बोली मीठी नहीं होगी तब तक वह किसी दूसरे व्यक्ति से घुलमिल नहीं सकेगा।
इसलिए सभी मनुष्यों को अपने विचार शुद्ध रखने चाहिए और एक दूसरे से प्यार से
बोलना चाहिए।
- Character of a person comes
out before others through his talking because he will not become frank
with others until his voice is not sweet.
- मनुष्य को अपनी विचार धारा सही रखनी चाहिए तभी उसका चरित्र ठीक हो सकता
है।
- A man should make his mentality to make the character good.
- सच्चाई ही अमूल्य वस्तु होती है इसलिए मनुष्य को हमेशा सच का सहारा लेना
चाहिए और कभी भी झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए।
- Truth is priceless thing
hence a man should take the help of truth. He should never take help in a
false way.
- अचरित्रवान व्यक्ति अपने दोषों को सुनना पंसद नहीं करता है अत: वह
व्यक्ति सही तरह से चरित्रवान नहीं हो सकता है। इसलिए व्यक्ति को अपने दोषों
को सुनकर गुस्सा नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें सुधारने की कोशिश करनी चाहिए
तभी वह ठीक प्रकार से चरित्रवान बन सकता है।
- Characterless person
does not want to hear his faults. Hence, such person never gets good
character. Therefore, a man should not become angry by hearing his faults
described by others. He should try to improve his faults. In this way, a
man gets good character.
- मनुष्य के चरित्र का पता इस बात से चल जाता है कि वह किस संगत में रहता
है तथा कौन सी संगत से दूर रहता है और उसका चाल-चलन किस प्रकार का है।
- Character of man clears
about the company of a man. Character tells about how his attitude is and
in which company he lives.
- व्यक्तियों को चरित्रवान बनने के लिए बुरी संगत से दूर रहना चाहिए तथा
अच्छी संगत के व्यक्तियों से घुल-मिलकर रहना चाहिए तथा जिस व्यक्ति की अच्छाई
अच्छी लगती है उसकी अच्छी बातों को ग्रहण करना चाहिए और उसके अनुसार बनने की
कोशिश करनी चाहिए।
- A man should remain far
from bad company to get good character and he should pass his time among
good men. He should get good things from others and try to adopt those
good things in life.
Anxiety:
A man, who worries very much, suffers from many diseases as heart problems, diabetes, insomnia and high blood pressure.
क्रोध :-
जो व्यक्ति क्रोध अधिक करता है उस व्यक्ति को पेट तथा आंत के कई प्रकार के रोग हो जाते हैं।
Anger:
A man, who becomes angry very much on any thing, suffers from the diseases of stomach and intestines.
लालची :-
जो व्यक्ति अधिक लालची होता है उसे अपच तथा दस्त के रोग हो जाते हैं।
Greedy:
A man, who is greedy, suffers from indigestion and loose motions.
निराशा :-
जो व्यक्ति हर समय निराश रहता है, उसे अपच तथा संधिवात के रोग हो जाते हैं।
Despair:
A man, who remains in despair al the time, he becomes the patient of indigestion and rheumatism.
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