हमारा
शरीर पांच तत्त्वों (आकाश, वायु, जल, अग्नि, पृथ्वी) से मिलकर बना है। पंचतत्व निर्मित हमारे शरीर की
रक्षा केवल भोजन से नहीं होती, बल्कि
उसके साथ-साथ इस काम के लिए बाकी चार तत्व (आकाश, वायु, अग्नि
और जल) भी बहुत आवश्यक होते हैं। अर्थात पांचों तत्त्वों का हमारे शरीर के लिए
विशेष महत्व होता है।
Our body is made with five elements (sky, air, water, fire, earth). Not only meal saves our body that has been made with five elements but other remaining four elements (sky, air, fire and water) are very essential. Here it means to say that all the five elements are very essential for our body.
पृथ्वी- पृथ्वी तत्व से शरीर के सभी जैविक बल निष्क्रिय और चेतनाशून्य हो जाते हैं। अत: उन सबको सक्रिय रखने के लिए अधिक शक्ति की आवश्यकता पड़ती है। पृथ्वी तत्व जब तक हमारे शरीर में त्रुटिपूर्ण स्थिति में रहता है तो हम स्वार्थी और लोभी बनते जाते हैं। पृथ्वी तत्व एक तटस्थ तत्व होता है।
जल : जल तत्व हमारे शरीर और जीवन के प्रवाह को सुरक्षित बनाये रखता है। जल की प्रकृति शीतल होती है। हमारे शरीर में लगभग 70 प्रतिशत पानी होता है अत: शरीर के तापमान और रक्त संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक ऋण तत्व होता है।
Water: This element keeps our body and life safe. Water is cold by nature. Our body contains seventy percent water. Hence, it plays a very important role to maintain body and blood temperature. It is a debt element of the body.
अग्नि : अग्नि तत्व हमारे शरीर में अग्नि को उत्पन्न करके शरीर में उपस्थिति जल को उष्णता प्रदान करता है। अग्नि तत्व आंखों की दृष्टि को नियंत्रण में रखता है, तथा आहार के सेवन करने के बाद यही अग्नि तत्व हमारे भोजन का पाचन करके ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है। अग्नि भूख और प्यास की वृद्धि करती है। यह स्नायु की स्थिति को उसकी स्वाभाविक स्थिति में बनाये रखती है और चेहरे को आकर्षक बनाती है। यह हमारे विचारों को शुद्ध बनाती है तथा मस्तिष्क के विकारों को नष्ट करके उसे शक्तिशाली बनाती है। अग्नि तत्व हमारे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को उत्पन्न करती है जो हमें रोगों से बचाती है। अग्नि तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत अधिक उपयोगी होता है। शरीर में अग्नि तत्व की कमी होने पर एनीमिया, पीलिया, पाचन आदि से सम्बन्धित परेशानियां उत्पन्न होती हैं। हमारे शरीर में अग्नि तत्व का अभाव होने से बेहोशी, विभिन्न प्रकार के मानसिक विकार, व्यर्थ की उलझनें और तनाव, आंखों की कमजोरी, त्वचा सम्बन्धी रोग, मोतियाबिंद तथा पेट की गैस आदि विकार उत्पन्न होते हैं।
Our body is made with five elements (sky, air, water, fire, earth). Not only meal saves our body that has been made with five elements but other remaining four elements (sky, air, fire and water) are very essential. Here it means to say that all the five elements are very essential for our body.
पृथ्वी- पृथ्वी तत्व से शरीर के सभी जैविक बल निष्क्रिय और चेतनाशून्य हो जाते हैं। अत: उन सबको सक्रिय रखने के लिए अधिक शक्ति की आवश्यकता पड़ती है। पृथ्वी तत्व जब तक हमारे शरीर में त्रुटिपूर्ण स्थिति में रहता है तो हम स्वार्थी और लोभी बनते जाते हैं। पृथ्वी तत्व एक तटस्थ तत्व होता है।
Earth:
All the organic forces of the body become passiveand unconsciousness from the elements of earth. Hence, lots of strength is
essential to make them active.We remain selfish and greedy until the element of earth remains present in
the body. Element of earth is a neutral element.जल : जल तत्व हमारे शरीर और जीवन के प्रवाह को सुरक्षित बनाये रखता है। जल की प्रकृति शीतल होती है। हमारे शरीर में लगभग 70 प्रतिशत पानी होता है अत: शरीर के तापमान और रक्त संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक ऋण तत्व होता है।
Water: This element keeps our body and life safe. Water is cold by nature. Our body contains seventy percent water. Hence, it plays a very important role to maintain body and blood temperature. It is a debt element of the body.
अग्नि : अग्नि तत्व हमारे शरीर में अग्नि को उत्पन्न करके शरीर में उपस्थिति जल को उष्णता प्रदान करता है। अग्नि तत्व आंखों की दृष्टि को नियंत्रण में रखता है, तथा आहार के सेवन करने के बाद यही अग्नि तत्व हमारे भोजन का पाचन करके ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है। अग्नि भूख और प्यास की वृद्धि करती है। यह स्नायु की स्थिति को उसकी स्वाभाविक स्थिति में बनाये रखती है और चेहरे को आकर्षक बनाती है। यह हमारे विचारों को शुद्ध बनाती है तथा मस्तिष्क के विकारों को नष्ट करके उसे शक्तिशाली बनाती है। अग्नि तत्व हमारे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को उत्पन्न करती है जो हमें रोगों से बचाती है। अग्नि तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत अधिक उपयोगी होता है। शरीर में अग्नि तत्व की कमी होने पर एनीमिया, पीलिया, पाचन आदि से सम्बन्धित परेशानियां उत्पन्न होती हैं। हमारे शरीर में अग्नि तत्व का अभाव होने से बेहोशी, विभिन्न प्रकार के मानसिक विकार, व्यर्थ की उलझनें और तनाव, आंखों की कमजोरी, त्वचा सम्बन्धी रोग, मोतियाबिंद तथा पेट की गैस आदि विकार उत्पन्न होते हैं।
Fire:
the element named fire produces fire in our
body and provides hotness to the water existed in the body. This element keeps
eyesight in control. This element digests the food we take and provides
strength to our body. This element enhances our thirst and hunger. Nerves of
our body remain in natural condition and make the face attractive. Our ideas
become pure and make the brain strong by destroying its bad ideas. Fire
produces prophylactic power in our body which saves us from several diseases. This
element is very essential for our body. If there is lack of this element in our
body, we suffer from anemia, jaundice etc. we suffer from unconsciousness,
several kinds of mental disorder, useless obstacles, weakness of the eyes, skin
problems, catarrh and gastritis.
इसलिए पूर्वीय चिकित्सा पद्धति
में अग्नि तत्व की सुरक्षा व नियंत्रण को विशेष महत्व दिया जाता है। अग्नि तत्व धन
तत्व होता है।
Hence, a great importance is given to the safety and
control of fire element in post treatment system. This element is a positive
element.
वायु : वायु तत्व
ही जीवन होता है। यह एक शक्ति होती है और शरीर के प्रत्येक भाग का संचालन करती है।
यह हृदय की क्रिया और रक्त के संचार को नियंत्रित रखती है और शारीरिक संतुलन को
बनाये रखती है। यह श्वसन और मल-मूत्र की गति में मदद करती है। यह आवाज उत्पन्न
करती है। यह मानसिक शक्ति और शारीरिक क्षमता को बढ़ाती है। यह अपने आप में गति करने
में असमर्थ पित्तरस और कफ को यह गति देती है। यह धन तत्व है।
Air:
The element named air is life. It is a kind
of strength and leads every part of body. It controls to the heart pulsation,circulation of blood and normalizes the balance of body. It helps in breathing
and movement of urine and stool. It produces sound. It enhances mental power
and physical capacity. This element gives movement to the motionless bile and
phlegm. It is a positive element.
आकाश : सृष्टि के निर्माण से पहले जब सम्पूर्ण जीवों के
परमात्मा के अलावा कहीं पर कुछ भी नहीं था। सृष्टि के आरम्भ में सर्वप्रथम ईश्वर
की चेतनाशक्ति की प्रेरणा से शब्द तन्मात्र उत्पन्न हुआ, जिससे
आत्मा को बोध कराने वाले `आकाश` का जन्म हुआ। अन्य चारों तत्वों को अवकाश देना, सबके
भीतर और बाहर रहना तथा प्राण, इन्द्रिय, और मन का आश्रय होना- ये सभी आकाश तत्व के कार्य, रूप
और लक्षण होते हैं। वर्तमान समय में आकाश को स्पेस कहा जाता है।
Sky: There was noting in this universe before the existence of this world except
god. The word named ‘Tanmatra’ produced through the conscious power of god in
the beginning of this universe because of which the element named sky took
birth. Giving relief to all the four remaining elements, living in and outside
of all the elements and becoming shelter of soul, senses and mind- these are
the deeds, size and symptoms of the element named sky. At present, sky is known
by the name of sky.
ऑक्सीजन को सांस के द्वारा हम
अपने शरीर के अन्दर लेते हैं। इसलिए शरीर में पोल (खाली स्थान) भी होना चाहिए। यदि
यह सांस लेने की क्रिया बंद हो जाए और इसमें किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न हो जाए
तो इससे हमारे शरीर को बहुत अधिक कष्ट होता है। जिसके परिणामस्वरूप हार्ट अटैक, लकवा, मूर्छा आदि विकार होते हैं। यह ऋण तत्व होता है।
We inhale oxygen into our body through breathing. There should be a hollow
place in the body for it. If breathing stops or there is any kind of
obstruction in the process of breathing, our body face lots of trouble.
Consequently, we suffer from heart attack, paralysis and unconsciousness. It is
a negative element.
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