परिचय-
Introduction:
जिस मनुष्य के विचार जैसे होते
हैं वह मनुष्य वैसा ही बनता है। विचारों का स्वास्थ्य पर बहुत अधिक असर होता है
क्योंकि जो मनुष्य जैसा सोचता है उसका स्वास्थ्य भी उसी प्रकार का होता है। जो
व्यक्ति मन में कामुकता,
अश्लीलता तथा भोग की
भावना अधिक रखते है या इस प्रकार की बातचीत या मनोरंजन करते रहते हैं। उन
व्यक्तियों का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है। जो मनुष्य भय, चिंता, क्रोध, निराशा, द्वेष, दुर्भावना, लोभ, असंतोष, अहंकार की भावना रखता है उसका
स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन गिरता जाता है तथा उसके शरीर में कई प्रकार के रोग हो जाते
हैं।
A
man becomes as ideas he has. Ideas affect very much to the health of a man
because health of a man becomes according to his ideas. All the people, who keep
on thinking about sex, salaciousness and talk or entertain about sexual
intercourse, does not get good health. Health of a men becomes worse if they
have fear, anxiety, wrath, despair, jealousy, ill feelings, greed,
dissatisfaction and proud. Several kinds of diseases produce in the body if
they have not good ideas.
कुछ व्यक्तियों में गलत
विचारों के कारण ही रोग उत्पन्न होते हैं। ऐसे रोगियों का कितना भी उपचार किया जाए
उनका रोग ठीक नहीं होता है क्योंकि जब तक उनके विचार सही नहीं होंगे तब तक उनका
रोग भी ठीक नहीं हो सकता है। इसलिए ऐसे रोगियों का उपचार कराते समय उनके विचारों
को भी शुद्ध कराना चाहिए तभी उसका रोग ठीक हो सकता है।
Diseases
take birth in many men because of bad ideas. Disease of such kind a person does
not disappear in spite of good treatment because he cannot get good health
until he has good ideas and thinking. Therefore, good ideas should be told
before the patient along with treatment to get rid of disease.
बुरी आदतों के कारण जिस प्रकार
शरीर में रोग पैदा होते हैं, उसी
प्रकार अच्छी भावना से शरीर के विभिन्न प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं।
As
diseases appear in the body because of bad ideas as several ideas disappear
from the body due to good ideas and good ways of thinking.
यदि रोगी व्यक्ति को यह
विश्वास हो जाता है कि उसका रोग ठीक हो रहा है तो उसका रोग निश्चित ही ठीक हो
जायेगा। अच्छी भावना रखने से एक रोग नहीं बल्कि सभी प्रकार के रोग ठीक हो सकते
हैं। अत: रोगी व्यक्ति का उपचार करते समय उसे यह विश्वास दिलाना चाहिए कि उसका रोग
ठीक हो रहा है।
If the patient believes that he is
becoming well, he will get rid of the disease definitely. Not one but all the
diseases disappear if a man has good thinking and good ideas. Hence, make
believe to a patient that he is getting well.
संसार की किसी भी चिकित्सा
प्रणाली से जो रोग अच्छा नहीं हो सकता, वह स्वास्थ्य की अच्छी भावना मात्र से ठीक हो सकता है।
If
any disease has not been disappearing through the good treatments, good
thinking and ideas can cure the disease definitely.
गलत विचारों के कारण होने वाले
कुछ रोग
:-
Diseases
that take birth due to bad ideas and bad thinking:
भय :-
जिस व्यक्ति को भय अधिक रहता
है उसके बाल जल्दी ही सफेद होने लगते हैं तथा वह कम उम्र में ही बूढ़ा दिखने लगता
है।
Fear:
A
man who has fear very much in his mind becomes the victim of grey hair in young
age and appears as old person due to grey hair.
चिंता :-
जो व्यक्ति अधिक चिंता-फिक्र
करता है उसे कई प्रकार के रोग हो जाते हैं जैसे- हृदय रोग, मधुमेह (डायबिटीज), अनिद्रा तथा उच्च रक्तचाप (हाई
ब्लडप्रेशर) के रोग आदि।
Anxiety:
A
man, who worries very much, suffers from many diseases as heart problems,
diabetes, insomnia and high blood pressure.
क्रोध :-
जो व्यक्ति क्रोध अधिक करता है
उस व्यक्ति को पेट तथा आंत के कई प्रकार के रोग हो जाते हैं।
Anger:
A
man, who becomes angry very much on any thing, suffers from the diseases of
stomach and intestines.
लालची :-
जो व्यक्ति अधिक लालची होता है
उसे अपच तथा दस्त के रोग हो जाते हैं।
Greedy:
A
man, who is greedy, suffers from indigestion and loose motions.
निराशा :-
जो व्यक्ति हर समय निराश रहता
है, उसे अपच तथा संधिवात के रोग हो
जाते हैं।
Despair:
A
man, who remains in despair al the time, he becomes the patient of indigestion
and rheumatism.
Thank you sir for good guidence
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